10%
एक साल में ऑनलाइन मिलने वाली दान राशि
1,700
एक साल में स्वयंसेवकों के साइन अप
Samaritans संस्था की स्थापना 1953 में इस मकसद से की गई थी कि कम से कम लोग आत्महत्या की वजह से अपनी जान गंवाएं. ऐसा करने के लिए, यह संस्था एक ऐसी हेल्पलाइन चलाती है जहां हफ़्ते के सातों दिन, दिन के 24 घंटे लोग कॉल या ईमेल के ज़रिए अपनी भावनाओं के बारे में बात कर सकते हैं. इसके अलावा, यूनाइटेड किंगडम और आयरलैंड में मौजूद 201 शाखाओं में इस संस्था के लोगों से मिलकर भी अपने दिल की बात की जा सकती है. यह हेल्पलाइन 20,000 स्वयंसेवकों की मदद से चलाई जाती है. इस संस्था के सहायता चैनल से हर छह सेकंड में कोई न कोई व्यक्ति संपर्क करता है और हर साल, स्थानीय समुदायों में किए जाने वाले कामों के ज़रिए, यह संस्था पाँच लाख लोगों तक पहुंचती है.
Samaritans का मुख्य मार्केटिंग लक्ष्य अपनी हेल्पलाइन के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को जागरूक करना है, ताकि आत्महत्या की दर में कमी लाई जा सके. डिजिटल कम्युनिकेशन मैनेजर, माइकल कीटिंग के शब्दों में, “हम चाहते हैं कि जो लोग आत्महत्या करने के बारे में सोच रहे हैं, उन तक हम अपना संदेश पहुंचा सकें ताकि उन्हें पता चले कि हम उनकी मदद के लिए मौजूद हैं.” समय के साथ, यह संस्था डिजिटल रूप से और कुशल हो गई है. यही वजह है कि Samaritans ने चंदा इकठ्ठा करने, इवेंट के लिए साइन अप करने (होने वाले इवेंट में अपनी दिलचस्पी दिखाने वाले लोगों की जानकारी इकठ्ठा करने) और स्वयंसेवकों की भर्ती से जुड़े कन्वर्ज़न लक्ष्य भी तय करने शुरू किए हैं.
Samaritans संस्था, Google Ads और Google Analytics में कन्वर्ज़न ट्रैकिंग के ज़रिए अपने 'ऐड ग्रांट' कैंपेन के नतीजों की निगरानी करती है और अपने मार्केटिंग बजट के पैसों को निवेश करने से जुड़े फ़ैसले लेती है. कीटिंग के शब्दों में, “Google Ads और Analytics के डेटा में, जिन सबसे ज़रूरी चीज़ों पर हम नज़र रखते हैं, वे हैं वेबसाइट के ज़रिए मिलने वाली दान राशि, स्वयंसेवकों के साइन अप (कितने लोग संस्था से जुड़े) और ईमेल न्यूज़लेटर के साइन अप (कितने लोगों ने ईमेल के ज़रिए संस्था का न्यूज़लेटर पाने में दिलचस्पी दिखाई).” कन्वर्ज़न ट्रैकिंग और Analytics के डेटा की अहम जानकारी के ज़रिए, यह संस्था तय करती है कि मार्केटिंग के बड़े-बड़े कैंपेन में डिजिटल मार्केटिंग पर कितना खर्च किया जाए. Samaritans अपने 'ऐड ग्रांट' खाते के ज़रिए मार्केटिंग रणनीतियों की जाँच करती है और त्योहारों के मौसम में सशुल्क Google Ads खाते की मदद से चंदा इकठ्ठा करने की दिशा में बेहतर काम करती है. माइकल कहते हैं, “कन्वर्ज़न ट्रैकिंग लागू करने से हमारी संस्था को यह भरोसा मिला है कि सशुल्क Google Ads में पैसा लगाना एक सही कदम है. डेटा से हमें पता चला है कि इसके ज़रिए हमें कितना फ़ायदा हो सकता है.” पिछले साल त्योहारों के मौसम में, सशुल्क Google Ads कैंपेन के ज़रिए इस संस्था को सबसे ज़्यादा दान राशि मिली.
कन्वर्ज़न ट्रैकिंग और Analytics डेटा की अहम जानकारी, संस्था को यह फ़ैसला लेने में मदद करती है कि Samaritans का मार्केटिंग बजट किस तरह बाँटा जाए. इसके ज़रिए यह संस्था अपने मार्केटिंग लक्ष्यों को बेहतर तरीके से पूरा कर पाती है. पिछले एक साल में, संस्था को मिलने वाली ऑनलाइन दान राशि की 10% से ज़्यादा राशि, यानी 48,000 अमेरिकी डॉलर से ज़्यादा की रकम, 'ऐड ग्रांट' कैंपेन के ज़रिए मिली. साथ ही, चंदा इकठ्ठा करने के लिए होने वाले इवेंट के 11% रजिस्ट्रेशन और 1,769 स्वयंसेवकों के साइन अप (लोगों का संस्था से जुड़ना) भी 'ऐड ग्रांट' कैंपेन के ज़रिए हुए. माइकल कहते हैं, “Google Ads में निवेश करने से Samaritans संस्था ज़्यादा लोगों तक पहुंचकर उनकी मदद कर सकती है. साथ ही, ज़्यादा लोग हमारी संस्था से जुड़कर इसके लक्ष्य पूरे करने में मदद कर सकते हैं.”
“हम दूसरी गैर-लाभकारी संस्थाओं को Google Analytics और कन्वर्ज़न ट्रैकिंग इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं ताकि वे समझ सकें कि 'ऐड ग्रांट' खाते को सशुल्क Google Ads खाते से जोड़ने पर उन्हें कितना फ़ायदा हो सकता है.”माइकल कीटिंग, डिजिटल कम्युनिकेशन मैनेजर, Samaritans